उमर बिन खत्ताब रज़िअल्लाहू अन्हु ने कहा -
मुझे ताज्जुब होता है उन लोगों पर जो लोग बिना निकाह के मालदारी चाहतें हैं,
जबकि अल्लाह रब्बुल इज्ज़त कुरआन में फरमाते हैं,
अगर वो गरीब हों तो ( निकाह की बुनियाद ) अल्लाह अपने फ़ज़ल से उन्हें मालदार बना देगा |
उमर बिन खत्ताब रज़िअल्लाहू अन्हु ने कहा -
मुझे ताज्जुब होता है उन लोगों पर जो लोग बिना निकाह के मालदारी चाहतें हैं,
जबकि अल्लाह रब्बुल इज्ज़त कुरआन में फरमाते हैं,
अगर वो गरीब हों तो ( निकाह की बुनियाद ) अल्लाह अपने फ़ज़ल से उन्हें मालदार बना देगा |
Vix no volumus ocurreret maiestatis, quaeque alienum eum te, semper principes deseru
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